Description
इस पुस्तक में धन ,ध्यान,भक्ति और दान पर सूक्ष्म रूप से प्रकाश डाला है! सब कुछ सोच समझकर और परमात्मा ने जो लिखवाया है वही लिखा है इसमें किसी भी शास्त्र व पुस्तक की कोई नक़ल नहीं की गई इसलिए किसी भी कॉपी राईट कानून का उल्न्धन नहीं किया गया है सब कुछ मैंने अर्थात स्वामी ज्ञान आनंद @ ज्ञानेंद्र कुमार ने अपने निजी अनुभव और सत्संग आदि से प्राप्त ज्ञान के आधार पर लिखा है जो भी मेरे अनुभव से मैंने जाना है वो सब लिखा है यह संस्करण उनके लिए बहुत फायदेमंद है जो पूरी ईमानदारी से परमात्मा के पथ पर अग्रसर है जो सच्चाई को सहज स्वीकार करते हैं ! इस संस्करण में केवल वही लिखा है जो सत्य है अगर सत्य के कारण किसी मत मतान्तर को ठेस पंहुचती है तो यह उनका ही दोष हैं इसलिए उनसे विनती है की निष्पक्ष भाव से सत्य को वैसा ही देखने का साहस करें जैसा वो हैं ! इसमें परमात्मा ने, अस्तित्व ने मुझसे जो लिखवाया हैं वही मैंने लिखा है इसलिए लिखे हुए को वापिस लेना मेरे बस के बाहर है फिर भी मैं अपनी तरफ से माफ़ी चाहता हूँ अगर मेरे कारण किसी को ठेस पंहुची हैं !
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